निम्बाहेड़ा
रिश्ते हैं तो जिन्दगी है, जिन्दगी में टकराव कोई नहीं चाहता फिर भी परिवार टूट रहे हैं उसका प्रमुख कारण भावनाओं का केन्द्रीकरण है । अस्सी के दशक के बाद हमने रिश्तों को खोया है । इस प्रवृत्ति में लगातार बढ़ोतरी ही हुई है, जिसको रोकने में महावीर की शिक्षाएं बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकती है । उक्त विचार निम्बाहेड़ा में सकल जैन संघ द्वारा महावीर जयन्ती की पूर्व संध्या पर आयोजित व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. राजेन्द्र सिंघवी ने प्रस्तुत किये ।
डॉ सिंघवी ने लगभग एक घण्टे के व्याख्यान में समाज परिवार, परम्परा, नारी, युवा एवं अर्थ की भूमिका पर अपने विचार रखें तथा विषमताओं का समाधान आगम वाणी में खोजने के बिन्दु मार्मिक टिप्पणियों के साथ प्रस्तुत किये । इससे पूर्व डॉ. कमल नाहर विषय प्रवर्तन करते हुए पारिवारिक विघटन को रोकने में महावीर की शिक्षाओं की सार्थकता को विवेचना के लिए सदन के समक्ष रखा ।
कार्यक्रम में फतहलाल मारू तथा दिलीप पामेचा ने जिन स्तवन प्रस्तुत किये । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता सकल जैन संघ के अध्यक्ष शान्ति लाल मारू ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक अशोक नवलखा ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की । कार्यक्रम का संचालन डॉ. कमल नाहर ने किया ।
डॉ. कमल नाहर
डॉ.भीमरावअम्बेडकर,राजकीय महाविद्यालय,निम्बाहेड़ा,चित्तौड़गढ़
में इतिहास
विषय के प्रोफेसर हैं.सन सत्तावन
के संग्राम
में निम्बाहेड़ा
के योगदान
जैसे विषय
पर शोधपरक
काम किया
है.शहर
की तमाम
सामाजिक सांस्कृतिक
संस्थाओं में
सक्रीय प्रतिभागिता
है.
ई-मेल drknahar@gmail.com मो.-09413047570 |